असमंजस में हूँ मैं
प्रेम की अनजान राहों पे
कदम न रखे मैंने कभी
कुछ अनमना सा मन है
कुछ बेबस दिल हूँ में
ऑंखें झुका के चलता हूँ
गिरता और संभालता हूँ
प्रश्न न करे कोई इरादों को
इन घूरती नजरों के बीच
एक बदहवास सा दिल हूँ मैं
असमंजस में हूँ मैं