Friday, September 24, 2010

प्रेम आस...

जब पास ही प्रकाश हो
और चक्षुओ में आस हो
तो मन पटल को खोल दे
की सत्य का आभास हो

जब प्रेम का प्रयास हो
ह्रदय में मीठी प्यास हो
तो आलिंगन से सिक्त कर
की प्रेम का विश्वास हो

जब जीवन के पल में हर घडी
उस माधुरी का वास हो
तो छेड़ ऐसी मुरली तान
की कृष्ण का भी रास हो

जब मन में ये विश्वास हो
और जीतने की चाह हो
तो विरक्त हो के बंधन से
कर कर्म न निराश हो

2 comments:

  1. jab aap ko jeevan se itni aas ho,
    toh aap baar baar,unki yaadkyon karthe ho
    jo aap se door ho,unke saath raho jo ab aapke saath ho.

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  2. हृदय को स्पर्श कर गया | हमने इसे कॉपी कर लिया है हृदयमे! आपके कॉपीराईट का भंग करके | दंड के तौर पर और काव्य चाहिये|

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